देश के अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने में सहकारिता का बहुत बड़ा योगदान होगा: अमित शाह

नेशनल डेस्क/हिंदुस्तान की आवाज़
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राज्यों के सहकारिता मंत्रियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री कोऑपरेटिव क्षेत्र को अर्थतंत्र का एक मजबूत स्तंभ बनाकर देश के करोड़ों गरीबों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं।
सहकारिता मंत्रालय 5 साल मे PACS की संख्या तीन लाख तक ले जाने के लिए प्रयासरत है।
डाटाबेस के बिना किसी क्षेत्र का विकास संभव नहीं है, सहकारिता मंत्रालय सहकारिता क्षेत्र का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने जा रहा है।

Advertisement

सरकार अगले 2 माह में बीज संवर्धन और जैविक उत्पादों की मार्केटिंग व सर्टिफिकेशन की मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव बनाएगी जिसका सीधा लाभ ऑर्गेनिकफार्मिंग करने वाले किसानों को होगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार एक मल्टीस्टेट एक्सपोर्ट हाउस बनाने जा रही है, जो खादी के उत्पादों, हैंडीक्राफ्ट और एग्रीकल्चर उत्पाद को विश्व भर के बाजार में एक्सपोर्ट करने का काम करेगी।
मॉडल बाइलॉज के माध्यम से पैक्स में जोड़े जाने वाले अनेक नए आयामों से सहकारिता में पारदर्शिता, रिस्पांसिबिलिटी और गतिशीलता आएगी।
उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को मिलकर सहकारिता क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए टीम इंडिया की भावना से काम करना होगा और एक ट्रस्टी के रूप में अपने-अपने राज्य में सहकारिता क्षेत्र को मज़बूत करना होगा।
देश के अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने में सहकारिता का बहुत बड़ा योगदान हो, और अगले 100 साल में सहकारिता अनिवार्य रूप में भारतीय अर्थतंत्र का हिस्सा बने।
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि सहकारिता क्षेत्र आज की ज़रूरतों के अनुकूल अपने आप को सशक्त करके एक बार फिर सबका विश्वास अर्जित करे।
देश के अर्थतंत्र के विकास के लिए मास प्रोडक्शन के साथ-साथ प्रोडक्शन बाई मासेज़ भी बेहद ज़रूरी है और यह सिर्फ सहकारिता के मॉडल से ही संभव हो सकता है।
मोदी सरकार की सहकारी नीति का फ़ोकस – फ़्री रजिस्ट्रेशन, कंप्यूटराइज़ेशन, लोकतांत्रिक पद्धति से चुनाव, सक्रिय सदस्यता, संचालन व नेतृत्व में प्रोफ़ेशनलिज़्म, व्यावसायिकता, पारदर्शिता, ज़िम्मेदारी और जवाबदेही है।
सहकारिता क्षेत्र में अगर युवाओं और महिलाओं की भागीदारी विशेषरूप से हो तो सहकारिता बहुत आगे जाएगी।
मोदी सरकार एक नीतिगत विचार भी कर रही है कि शॉर्ट टर्म फाइनेंस के साथ ही अब पैक्स मध्यम और लॉन्ग टर्म फाइनेंस भी करें।
सम्मेलन में सहकारिता राज्यमंत्री श्री बी एल वर्मा और 21 राज्यों के सहकारिता मंत्रियों और 2 केन्द्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपालों सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Advertisement

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

राशिफल

- Advertisement -spot_img

Latest Articles

error: Content is protected !!