विशुनपुरा(गढ़वा)/ राजु सिंह
बरसात के शुरू होते ही वज्रपात की घटना रोजाना सामने आ रही है। घटना में कई लोग अपना जान गवां चूके हैं। वज्रपात की घटना रोका नही जा सकता लेकिन बचाव और ताड़ित चालक लगाकर जानमाल की नुकसान को कम किया जा सकता है। लेकिन प्रखंड के किसी भी स्कूल में तड़ित चालक की व्यवस्था नहीं है। इन स्कूलों में प्रखंड क्षेत्र के 7626 बच्चे अध्ययनरत हैं। ताड़ित चालक नही होने से इन नौनिहालों के जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

लगभग 12 वर्ष पूर्व कुछ विद्यालयों में जहां नया भवन बन रहा था, उसमें तड़ित चालक लगाए गए थे। उस समय भवन के राशि के साथ लगभग ₹32000 हजार रुपय स्कूल को दिए गए थे वर्ष 2011-12 में बनाये गय स्कूल भवन मे लगभग स्कूलों में तड़ित चालक लगवाए गय थे लेकिन 12 वर्ष बाद किसी भी स्कूल में तड़ित चालक नहीं बचा कारन तड़ित चालक रॉड में तांबा का होना।इस कारण अधिकतर तड़ित चालक चोरी हो गय. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने कभी दोबारा तड़ित चालक लगवाने की पहल नहीं की इधर 12 वर्ष बाद कई सरकारी स्कूल अपग्रेड हो गय विद्यालय का भवन जहां 1 मंजिला था दो मंजिला हो गया आसमानी बिजली की तड़क से बच्चे विद्यालय में सहमे रहते हैं.अक्सर ऊंची इमारतों पर बज्रापत होने की संभावना बनी रहती है. लेकिन विभाग का इस पर अभी तक कोई ध्यान नहीं है. गौरतलब हो कि प्रखंड में फिलहाल 28 सरकारी विद्यालय एवं चार प्राइभेट विद्यालय संचालित हो रहे हैं.जिसमें कुल 7226 बच्चे नामांकित है. अपग्रेड उच्च विद्यालय मध्य विद्यालय एवं उत्क्रमित मध्य विद्यालय में बच्चों की संख्या अधिक है साथ ही उसका भवन भी दो मंजिल कर दिया गया है। उधर स्कूल में सुरक्षा का उचित प्रबंध नहीं रहने से अभिभावक भी चिंतित हैं. इस संबंध में दूरभाष द्वारा पूछे जाने पर शिक्षा विभाग के जेई राकेश रोशन ने बताया कि बहुत पहले तड़ित चालक कुछ विद्यालयों में लगाया लगाया गया था. एग्जिट डाटा का पता नहीं है लेकिन फिलहाल इधर किसी विद्यालय में तड़ित चालक नहीं लगवाया गया है. जांच के बाद ही पता चलेगा कि कितने स्कूलों में तड़ित चालक नहीं है और कितने में खराब हैं इसके बाद आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
Advertisement