धुरकी(गढ़वा)/ कृष्णा कुमार
धुरकी प्रखंड मे भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व रक्षाबंधन गुरूवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सभी बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर और माथे पर तिलक लगाकर पर्व मनाया। इस दौरान एक दुसरे को मिठाई भी खिलाया। रक्षाबन्धन भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार यह त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहने अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं। वहीं रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार भी है, रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य भी है। रक्षाबंधन के दिन बहने इश्वर व भगवान से अपने भाईयों की तरक्की खुशहाली के लिए विशेष रूप से प्रार्थना भी करती है। इधर रक्षाबंधन के संबंध मे धुरकी प्रखंड कार्यालय के ब्लाॅक कोडीनेटर जीतेंद्र कुमार ने बताया की राखी का वास्तविक अर्थ भी यही है कि किसी को अपनी रक्षा के लिए बांध लेना। इस दिन बहनें भाइयों को सूत की राखी बांधकर अपनी जीवन रक्षा का दायित्व उन पर सौंपती हैं। इस दिन केवल बहनें ही भाइयों को राखी बांधें, ऐसा आवश्यक नहीं है। इस त्योहार को वास्तविक आनंद पाने के लिए धर्म-परायण होना भी जरूरी है। इस पर्व को किसी भी धर्म विशेष की नजरो से नही देखना चाहिए पर्व सीर्फ भाइ बहनो के पवित्र बंधन और स्नेह प्रेम का होता है वहीं दूसरों की रक्षा के धर्म-भाव को भी विशेष महत्व दिया गया है। इधर धुरकी व सगमा प्रखंड मे रक्षाबंधन को लेकर दिनभर बहनो का अपने भाइ के घरों मे आना जाना लगा रहा और सभी भाइ राखी बंधवाने के बाद मस्तक पर तिलक लगाकर काफी उत्साहित भी दिखे।
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