धुरकी(गढ़वा)/बेलाल अंसारी
तुर्की और सीरिया में आये विनाशकारी भूकंप से पूरी दुनिया सदमे में है। भारत सरकार भी इस संकट की घड़ी में संकटग्रस्त लोगो की मदद के लिए मानवीय सहायता भेज रही है, वही संकट के इस घड़ी में भारत के नागरिक भी सामने आकर वहां के लोगो को सहायता करने के लिए आगे आ रहे है। धुरकी के दारूल उलूम ग़ौसीया नुरीया के मुफ्ती रौशन रज़ा मिस्बाही अजहरी ने लोगो से वहां के लोगो को मदद करने की अपील आमलोगों से की है।
उन्होंने अपील करते हुए कहा कि 6 फ़रवरी को तुर्की और सीरिया में
आये भूकंप के तेज़ झटके ने हजारों लोगों की जान ले ली है। लाखो लोग संकट में है। 7.8 तीव्रता का आये भूकंप के केंद्र से कई सौ मील दूर तक महसूस किए गए। सिर्फ एक बार ही नही बल्कि तुर्की में एक के बाद एक लगातार आफ़्टर शॉक्स झटके आते रहे। इनमें से कई की तीव्रता 5.0 से अधिक थी। उन्होंने बताया कि इरदीम नाम के एक नागरिक ने बताया कि उन्होंने 40 साल की अपनी ज़िंदगी में ऐसा कभी महसूस नहीं किया।
भूकंप के झटके इतने भयानक थे कि गगन चूमती बड़ी बड़ी इमारतें सेकेंड भर मे जमींदोज हो गयी। सोशल मीडिया के माध्यम से दिल दहला देने वाली तस्वीर और विडिओ देखने को मिल रही हैं। आँखों से आंसू रुक नहीं रहे हैं। छोटे-छोटे बच्चे, बच्चियां, कमज़ोर लोग सिसक रहे हैं कि अब क्या होगा, हरा-भरा परिवार तबाह हो गया। ऐसी स्थिति मे सभी लोगों की जिम्मेदारी है की वो अपने स्तर से उन पीड़ित लोगों के लिए राहती सामग्री संकटग्रस्त लोगो की जिंदगी बचाने के लिए भेजवाएं। हमारे देश से ऐसे लोगो की सहायता के लिए बहुत सामग्रियों को भेजा गया है। एनडीआरएफ की टीम वहाँ पहुँच कर अपनी जाने जोखिम मे डाल कर मलबे मे फँसे लोगों की जिंदगियां बचा रही है। बहुत सारी ऐसी संस्थाएं हैं जो अपने लोगों की टीम वहाँ भेज कर मजबूर लोगों की मदद कर रही है। हमलोगों की भी जिम्मेदारी है कि हम उन भूकंप से प्रभावित लोगों तक सहायता उपलब्ध करवाई जाए। एक रुपये से ही सही लेकिन इंसानियत की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। आज हम अगर उन की मदद करेंगे तो अल्लाह हमारी मदद करेगा।
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