भवनाथपुर(गढ़वा)/जुल्फिकार
शुक्रवार को जहां देश के संविधान निर्माता बाबा भीम राव अम्बेडकर की जयंती मनाई जा रही थी, तो दूसरी ओर एक भूमाफिया के केस में न्यायालय के आदेश पर शुक्रवार को एक गरीब विधवा वृद्ध महिला 78 वर्षीया शिवकली कुंवर का जमीन पर कब्जा करने के उद्वेश्य से उसकी पांच दशक के अशियायाना को जमींजोद कर वृद्धा को घर से बेघर कर दिया गया। उसका सारा सामान जब्त कर भवनाथपुर थाना लाते हुए उक्त वृद्ध महिला शिवकली कुंवर को पुलिस के द्वारा जबरन घर से उठाकर श्रीबंशीधर वृद्धा आश्रम में भर्ती करा दिया गया। उक्त महिला के बेटा व बहु की बहुत पहले ही मृत्यु हो चुकी है, उसके सिर्फ दो छोटे छोटे नाती है। उसका एक नाती कैंसर से पीड़ित है, जो एमपी कटनी के सरकारी अस्पताल में भर्ती है।
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*क्या है मामला*
बताते चले कि भवनाथपुर वन कार्यालय के उत्तर दिशा में बिगत पांच दशक पूर्व मुखलाल राम वन विभाग में दैनिक मजदूरी के तौर पर कार्य करता था, जिसे कुछ जमीन वन विभाग ने झोपड़ी लगा कर रहने एवं जिवकोपार्जन के लिए दिया था, उसके साथ उसकी पत्नी शिवकली कुँवर पुत्र विष्णुदेव चंद्रवंशी, पतोहू प्रमिला देवी रहते थे। वर्तमान में शिवकली देवी और उसके दो नाती साथ मे रहते है, बाकी अन्य परिवार को पूर्व में मृत्यु हो चुकी है। शिवकली कुँवर ने बताया कि उक्त जमीन वन विभाग के द्वारा हमलोगों को दिया गया था, परंतु स्व. अक्षेबर साह के द्वारा फर्जी तरीके से केतार छाताकुंड के स्व. ईश्वर दयाल साह के द्वारा खरीद बिक्री कर मुझे परेशान किए जाने लगा। मामला थाना पुलिस और न्यायालय तक पहुची। कई बार पैसा देकर मुझे खरीदने का प्रयास किया गया, नही मानने पर उन दंबंगो द्वारा मामला न्यायालय में ले जाया गया। परंतु गरीबी और पैसे के अभाव के कारण मैं न्यायालय में लड़ाई नही लड़ पाई। इस बीच कई बार मुझे डराकर भयभीत करने एवं जान से मारने का प्रयास किया गया था, और आज प्रशासन और न्यायालय द्वारा मेरे घर को जबरन गिरा दिया गया। मेरे जीवन का एक यही सहारा है, खाली करूंगी तो मैं बेघर हो जाऊंगी। वृद्ध महिला ने प्रशासन एवं न्यायालय से गुहार लगाई है, अगर मेरे जमीन खाली कराया गया, तो अपनी जान दे दूँगा। और इसकी सारी जिम्मेवारी प्रशासन एवं न्यायालय की होगी। जानते चले कि इससे पूर्व बीते 21 नवम्बर को न्यायालय के द्वारा केस नम्बर 30/20 आदेश प्राप्त होने के बाद जमीन पर कब्जा कराने के लिए भी आये थे, जहाँ महिला के घर पर ढोल पीटकर लाल झंडा गाड़ा गया था। उस दौरान कब्जा करने पहुंचे अधिकारीयों व जमीन मालिक को स्थानीय ग्रामीणों का कोपभाजन का शिकार होना पड़ा था। मामला दो डिसमिल जमीन पर बैजनाथ प्रसाद स्व. ईश्वर दयाल साह का कब्जा कराने का है।
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