
विशुनपुरा(गढ़वा)/राजू सिंह
विसुनपुरा प्रखंड में अवैध रूप से डंप किए गए बालू का परिवहन धड़ल्ले से जारी है। प्रखंड क्षेत्र में बालू माफियाओं द्वारा बिभिन्न घाटों से अवैध रूप से उत्खनन कर कई जगहों पर डंप किया गया था। जिसे लेकर पतिहारी मुखिया ने एसडीओ को भी आवेदन देकर जानकारी दी थी। अंचलाधिकारी निधि रजवार ने डंप किये गए बालू का जांच भी किया था। इसके बाद भी अभी तक कार्यवाई नही होने से बालू कारोबारियों का अवैध धंधा फल-फूल रहा है।

जानकारी के अनुसार पतिहारी के दर व जोगिराल गांव में नदी से अवैध बालू उठाव कर जगह जगह डंप किये गए हजारों सीएफटी बालू को बालू माफिया धड़ल्ले से बिक्री करने में लगे हुए है।
मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद कुछ दिन इसपर रोक लगता है लेकिन कुछ दिन बाद फिर से अपने रसूख का इस्तेमाल कर इसे अन्य प्रखंडो में ले जाकर उच्चे दामों में बेचा जाता है।
जिले के उपायुक्त द्वारा अवैध बालू परिवहन पर रोक लगाने के लिए टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है इसके बावजूद बालू माफिया अपने मंसूबे में सफल हो रहे हैं।

नियम को ताक पर रख कर बालू माफियाओ द्वारा अवैध बालू उठाव करने से बाकी नदी के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगने लगा है। बांकी नदी में जगह-जगह कुआं बन गया है। जो आये दिन एक बड़ी घटना को आमंत्रित कर रही है।
बालू माफियाओ द्वारा बारिस से पहले ही नदी से बालू उत्खनन कर जगह-जगह हजारों सीएफटी बालू का भंडारण किया गया है। जो अब भंडारण बालू से बालू बिक्री करने में लगे हुए है।
बताया जाता है कि अवैध रूप से पतिहारी, दर व जोगिराल खुर्द गांव में हजारों सीएफटी डंप बालू किये गए स्थल से प्रत्येक दिन बालू का उठाव कर बालू माफियाओ द्वारा प्रशासन के नाक के नीचे से दूसरे प्रखंडों में बिक्री किया जा रहा है। जिसके कारण बालू माफिया मोटी कमाई करने में सफल हो रहे है।
विशुनपुरा बाकी नदी से अवैध बालू उत्खनन कर जगह जगह हजारों सीएफटी डंप किये गए स्थल से उठाव कर बंशीधर नगर व रमना में बड़े पैमाने पर बालू का सफ्लाई किया जारहा है। बालू माफियाओ द्वारा दूसरे थाना क्षेत्रों में बालू की बिक्री किये जाने पर प्रति ट्रेक्टर 5 हजार रु की मोटी कमाई होती है। इस कारण स्थानीय आवास लाभुकों को बालू नही मिलने के कारण आवास अधूरा पड़ा हुआ है। इसके बावजूद संबंधित विभाग के अधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण बालू माफियाओ का मनोबल काफी बढ़ गया है।
बालू माफियाओ द्वारा काली कमाई के लिए मनोबल इतना बढ़ गया है कि दर व जोगिराल बाकी नदी के छठ व श्मशान घाटो से बालू का अवैध उत्खन्न कर भारी मात्रा में बालू डंप किया गया है।
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