हिंदुस्तान की आवाज़/राहुल कुमार
देश और राज्य की राजनीतिक दल चुनावी वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं। केंद्र का चुनाव 2024 के आरंभ में जबकी झारखंड प्रदेश का चुनाव 2024 के उत्तरार्ध में संभावित है। ऐसे में चुनावी बिसात अभी से बिछना आरंभ हो गया हैं। राजनीतिक दल अपने वॉररुम को व्यवस्थित करने में लग गए हैं। वार रूम अर्थात आईटी सेल के रंगरूटों को अलर्ट मोड में रहने का आदेश संबंधित राजनीतिक दल के आकाओं ने जारी कर दिया है।इस स्थिति में पलामू संसदीय सीट पर क्या होगा….!भवनाथपुर विधानसभा सीट पर भानू की बादशाहीयत कायम रहेगी या होगा राजा का उदय…! यह सवाल अब आम जनों के बीच चर्चा का विषय बनते जा रहा है।
– कहने को तो पलामू संसदीय क्षेत्र और भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र समाजवादियों का गढ़ रहा है। लेकिन पिछले कई आम चुनावों पर नजर डालें तो पलामू संसदीय सीट पर भाजपा का ही कब्जा बना हुआ है। वही चुनावी इतिहास में भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में पहली बार भानु प्रताप शाही ने भाजपा का परचम 2019 में लहराया है।भानू ने अपने प्रतिद्वंदी सोगरा बीवी को हराया था।जबकि निर्दलीय अनंत प्रताप देव उर्फ छोटे राजा तीसरे नंबर पर रहे थे।2009 के चुनाव मे छोटे राजा कांग्रेस के टिकट पर भानू को हराया था जबकि 2014 के चुनाव मे ढेड़ फिसदी से भी कम वोटो के अंतरो से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर निर्दलीय भानु प्रताप शाही से चुनाव हार गए थे।
= त्रिकोणीय संघर्ष में भाजपा को मिल रहे फायदा से फिलहाल विरोधियों ने बदली रणनीति
-गत दो चुनाव में भाजपा को करीब-करीब सभी स्थानों पर मिली सफलता ने गैर भाजपा दलों को हाशिए पर खड़ा कर दिया है।गैर भाजपा दल लगातार विचार मंथन कर रही है कि कैसे भाजपा को रोका जाए!इसी विचार मंथन के बाद गैर भाजपा दल साझा उम्मिदवार देने पर फिलहाल विचार बना रहे है ताकि त्रिकोणीय मुकाबला और वोटो के बटवारा से बचा जा सके।
=राजा और ताहिर अंसारी के एक मंच पर आने से भवनाथपुर की बदली है राजनीतिक समीकरण
-भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव उर्फ छोटे राजा और पूर्व प्रत्याशी ताहिर अंसारी के एक मंच (झामुमो) पर आने से भवनाथपुर विस क्षेत्र मे राजनीतिक समीकरण फिलहाल बदली बदली सी है। इस स्थिति में वर्तमान विधायक भानु प्रताप शाही भगवा लहर,मोदी नाम केवलम् और विकास के बहाने अपनी बादशाहियत कायम रखना चाहते हैं। तो वहीं पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव अपने सहयोगी ताहिर अंसारी के सहयोग के साथ साथ गैर भाजपा वोट,हेमंत सोरेन सरकार के जनहित की योजनाएं, बेदाग छवि झारखंडी स्मिता के सहारे किला फतह करना चाहते हैं।
इन सब के बाद देखना दिगर होगा कि महंगाई,बेरोजगारी के बाद भी राष्ट्रवाद,भगवा लहर और मोदी नाम केवलम् से गैर भाजपा दल कैसे पार पा सकते….?
Advertisement






Users Today : 6
Total Users : 349347
Views Today : 8
Total views : 502616