गढ़वा/हिंदुस्तान की आवाज़
जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बच्चों का शिकार कर रहे तेंदुआ को आधिकारिक रूप से आदमखोरघोषित कर दिया गया है। गुरूवार को आदमखोर घोषित करने के बाद अब तेंदुआ को मारने के लिए शूटर बुलाया जा रहा है। इसके लिएहैदराबाद के चर्चित जंगली जानवरों के शूटर नवाब शपथ अली खान से संपर्क किया गया है। बताया गया कि एक सप्ताह के अंदर ही वे गढ़वा आ सकते हैं।
जानकारी के अनुसार दक्षिणी वन प्रमंडल पदाधिकारी शशि कुमार ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी सह मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक रांची को इसको लेकर पत्र लिखा है।
पत्र में श्री कुमार ने कहा है कि लोगों को मारने वाला तेंदुआ व्यस्क है। उसे केज, जाल आदि लगाने एवं कैमरा ट्रैप व ड्रोन का इस्तेमाल करने के बाद भी पकड़ने में सफलता नहीं मिल पा रही है । इसलिए वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा दो (वन) ए के तहत उसे मारने की अनुमति दी जाये।उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर से लगातार आदमखोर तेंदुआ जिले के भंडरिया, रंका, चिनियां, रमकंडा आदि प्रखंड में आतंक मचाये हुए है। उसने अब तक तीन बच्चों की हत्या की है। इसमें रोदो, सेवाडीह एवं कुसवार गांव में एक-एक बच्चे को उसने अपना शिकार बनाया है। इसके अलावे मदगड़ी के लोहरगुडया में एक मैसे को भी उसने मारा था। कई पशुओं को वह जख्मी भी कर चुका है। वन विभाग का कहना है कि तेंदुआ व्यस्क है और अकेला है।
चार-चार लाख का मुआवजा दिया गया : इधर, गुरुवार को वन प्रमंडल पदाधिकारी दक्षिणी शशि कुमार ने पूर्व में रोदो एवं सेवाडीह में तेंदुआ द्वारा मारे गये दोनों बच्चों के परिजनों को चेक के माध्यम से चार-चार लाख रूपये का मुआवजा भुगतान किया।
ग्रामीणों ने पांच घंटे तक किया सड़क जाम
बुधवार की रात रमकंडा थाना क्षेत्र में 12 वर्षीय बच्चे हरेंद्र घासी को अपना शिकार बनाने के बाद ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त हो गया है। ग्रामीणों ने इसको लेकर गुरुवार को रमकंडा – भंडरिया मार्ग को पांच घंटे तक जाम किया। वनों के क्षेत्र पदाधिकारी गोपाल चंद्रा द्वारा मुआवजा देने व शीघ्र तेंदुआ को मरने के आश्वासन के बाद ग्रामीणों का आंदोलन समाप्त हुआ। इस दौरान उन्होंने मृतक के परिजनों को सरकारी स्तर से मिलने वाली हर सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही।
इसके पूर्व धरना पर बैठे ग्रामीण उपायुक्त, एसपी व डीएफओ को बुलाने की मांग पर अड़े रहे। वहीं वन विभाग के विरोध में जमकर नारेबाजी की। इधर धरना के कारण मेदिनीनगर और छतीसगढ़ जाने वाली वाहनों की लंबी कतार लग गयी। धरना पर बैठे मृतक बच्चे की मां मीणा कुंवर, पूर्व मुखिया विजयप्रकाश कुजर, हृदयानंद मिंज, गोपाल पासवान, धर्मेंद्र पासवान, उमेश यादव,
जयनंदन कच्छप, इंद्रपाल सिंह, इंद्रदेव सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने कुशवार गांव के मृतक के परिजनों को 10 लाख की मदद व सरकारी नौकरी की मांग की। इसके साथ ही वन विभाग कि ओर से आदमखोर तेंदुआ को मारने या ग्रामीणों को मारने की छूट देने की मांग कर रहे थे। धरना पर बैठे ग्रामीणों ने कहा कि पिछले 15 दिनों से आदमखोर हो चुके तेंदुआ लगातार रंका, रमकंडा, भंडरिया और चिनिया में घटनाओं को अंजाम दे रहा है, लेकिन वन विभाग इसे रोकने में विफल साबित हो रहा है। इस मौके पर जीप सदस्य सत्यनारायण यादव, रमकंडा बीडीओ पुष्कर सिंह मुंडा, थाना प्रभारी शिवलाल कुमार गुप्ता, राजद जिलाध्यक्ष सूरज कुमार भी पहुंचे थे।
वन विभाग ने दिया 10 हजार नगद
गुरुवार की रात घटना के बाद वन विभाग की ओर से मृतक के परिजनों को 10 हजार रुपये तत्काल उपलब्ध कराया गया। वहीं मंगराही गांव में लगाये गये पिंजड़ा को रातों रात हटाकर उसे कुशवार गांव में लगाया गया। लेकिन तेंदुआ को अभी तक पकड़ा नहीं जा सका. इधर घटना के दूसरे दिन गुरुवार को वन विभाग ने कुशवार गांव के जंगली क्षेत्र में ड्रोन से निगरानी की।
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