रमना (गढ़वा )/राहुल कुमार
भारतीय आदिम जनजाति विकास परिषद एवं भारतीय भुइया विकास परिषद पलामू प्रमंडल के तत्वावधान में प्रखण्ड कार्यालय के समक्ष गुरुवार को एक दिवसीय धरना दिया गया। धरना के पूर्व मड़वनिया पंचायत सचिवालय से जुलूस निकाली गयी जो,प्रखण्ड कार्यालय पहुंचकर सभा मे तब्दील हो गयी ।सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि 1932 के खतियान के नाम पर हेमन्त सोरेन सरकार ढिंढोरा पीट रही है,लेकिन उनलोगों के पास तो जमीन ही नही है।ऐसे में वे लोग इसके लाभ से वंचित रह जाएंगे। सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की सभी पार्टियां गरीब,दलित,आदिवासी एवं आदिम जनजति परिवारों को सिर्फ ठगने का काम किया है। 75 प्रतिशत किसान सूखा राहत योजना के लाभ से अभी वंचित है। चार महीना से राशन नही मिलने के कारण आदिम जनजति परिवारों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उतपन्न हो गयी है। वही आदिम जनजति परिवार के बहु,बेटियों के साथ दुष्कर्म कर हत्या की जा रही है । लेकिन आरोपियों के विरुद्ध कोई करवाई नही हो रही है। कार्यक्रम के अंत मे राज्यपाल के नाम बीडीओ को 16 सूत्री मांगपत्र सौपा गया।जिसमें वन अधिकार अधिनियम 2006 एवं 2008 के तहत आश्रित परिवार को वन पट्टा देने,वृद्ध,विधवा एवं दिव्यांग पेंशन की राशि प्रतिमाह 5 हजार रुपया करने,वंचित परिवारों को अविलंब राशन कार्ड निर्गत करने, केंद्रीय विद्यालयों में आदिम जनजाति परिवार के बच्चों का सीधा नामांकन करने सहित अन्य मांगे शामिल है।मौके पर केंद्रीय प्रवक्ता विजय कोरवा,नरेश भुइया, सहबीर भुइया,परीखा भुइया, उमेश भुइया,गणेश भुइया,मंगरी देवी,बसमति देवी सहित बड़ी संख्या में आदिम जनजति परिवार के सदस्य मौजूद थे।
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