श्री बंशीधर नगर : वन विभाग अपनी कार्यशैली से एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। विभाग अपनी नाकामी को छुपाने एवं कार्रवाई करने के नाम पर मृत लोगों को भी नोटिस जारी कर दिया है। यह मामला सुरक्षित वन क्षेत्र कुंबाखुर्द से जुड़ा हुआ है।
जानकारी के अनुसार गत माह नगर ऊंटारी वनक्षेत्र अंतर्गत सुरक्षित वन क्षेत्र कुंबाखुर्द में वन माफियाओं के द्वारा लाखों रुपये की बेशकीमती पेड़ को काट लिये जाने का मामला सामने आया था। बड़े पैमाने पर सखुआ की कटाई समाचार पत्रों में सुर्खियां बनी थी।
जिसके बाद वन विभाग ने अपनी कमियां छिपाने के लिये आनन-फानन में कार्रवाई के नाम पर कटा हुआ लकड़ी बरामद कर एवं कुछ ग्रामीणों एफआईआर दर्ज कर खानापूर्ति की थी। इसी से जुड़े मामले में वन विभाग ने कुछ लोगों को नोटिस निर्गत किया था।
इस नोटिस में एक नाम ऐसा है जो 3 वर्ष पूर्व ही दुनिया छोड़ चुका है। न्यायालय-प्राधिकृत पदाधिकारी सह वन प्रमंडल पदाधिकारी, गढ़वा उतरी वन प्रमंडल द्वारा 25 जुलाई 2022 को नोटिस जारी किया गया है। जिसमे पतरिहा खुर्द गांव निवासी इंद्रदेव उरांव, प्रेम उरांव, रघु उरांव के नाम शामिल हैं।
इस नोटिस के तहत इनलोगों को अधिग्रहण वाद संख्या 26/2022 के लिये अपना पक्ष रखने के लिखित में जबाब 12 जुलाई को 11 बजे स्वयं या अविवक्ता के जरिये उपस्थित होने के का निर्देश दिया गया था। इस नोटिस में कहा गया था कि निर्धारित समय पर उपस्थित नहीं होने पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर एकपक्षीय निर्णय लिया जायेगा।
वहीं जिस इंद्रदेव उरांव के नाम पर नोटिस जारी किया गया है, उनकी मृत्यु 27 दिसंबर 2019 को ही हो गयी है। इसका झारखंड सरकार के द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है। ऐसे में वन विभाग के द्वारा मृत लोगों के नाम से जारी नोटिस से वन विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है।
उधर इस संबंध में पूछने पर रेंजर प्रमोद कुमार ने कहा कि मृत व्यक्ति के नाम पर नोटिस नहीं भेजा गया है।
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