नेशनल डेस्क/हिन्दुस्तान की आवाज
आज देश की नव निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण किया। द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। भारत के प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलायी। द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले राजघाट स्थित महात्मा गांधी के स्मारक पर सोमवार को सुबह पुष्पांजलि अर्पित की।
उसके बाद द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन पहुंचीं जहां निर्वतमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनका स्वागत किया।आपको बता दें कि द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं।
शपथ ग्रहण करने के बाद संबोधन जोहार की शुरुआत..
नव निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने उन्हें शपथ दिलाई। वही शपथ ग्रहण करने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोगों को संबोधित की। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि जोहार ..नमस्कार मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं। आपकी आत्मीयता, विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैं जनजातीय समाज से हूँ, और वार्ड कौन्सिलर से लेकर भारत की राष्ट्रपति बनने तक का अवसर मुझे मिला है। यह लोकतंत्र की जननी भारतवर्ष की महानता है। ये हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है।
मेरा जन्म तो उस जनजातीय परंपरा में हुआ है : द्रौपदी मुर्मू
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा। उन्होंने कहा कि ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी। और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मेरा जन्म तो उस जनजातीय परंपरा में हुआ है जिसने हजारों वर्षों से प्रकृति के साथ ताल-मेल बनाकर जीवन को आगे बढ़ाया है। मैंने जंगल और जलाशयों के महत्व को अपने जीवन में महसूस किया है। हम प्रकृति से जरूरी संसाधन लेते हैं और उतनी ही श्रद्धा से प्रकृति की सेवा भी करते हैं। मैंने अपने अब तक के जीवन में जन-सेवा में ही जीवन की सार्थकता को अनुभव किया है। जगन्नाथ क्षेत्र के एक प्रख्यात कवि भीम भोई जी की कविता की एक पंक्ति है। “मो जीवन पछे नर्के पड़ी थाउ, जगत उद्धार हेउ”। अर्थात, अपने जीवन के हित-अहित से बड़ा जगत कल्याण के लिए कार्य करना होता है।
उन्होंने कहा कि भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है।
मैं पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगी : द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मैं अपने देश के युवाओं से कहना चाहती हूं कि आप न केवल अपने भविष्य का निर्माण कर रहे हैं बल्कि भविष्य के भारत की नींव भी रख रहे हैं। देश के राष्ट्रपति के तौर पर मेरा हमेशा आपको पूरा सहयोग रहेगा। उन्होंने कहा कि संविधान के आलोक में, मैं पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगी। मेरे लिए भारत के लोकतांत्रिक-सांस्कृतिक आदर्श और सभी देशवासी हमेशा मेरी ऊर्जा के स्रोत रहेंगे। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, नेहरू जी, सरदार पटेल, बाबा साहेब आंबेडकर, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू, चन्द्रशेखर आज़ाद जैसे अनगिनत स्वाधीनता सेनानियों ने हमें राष्ट्र के स्वाभिमान को सर्वोपरि रखने की शिक्षा दी थी। रानी लक्ष्मीबाई, रानी वेलु नचियार, रानी गाइदिन्ल्यू और रानी चेन्नम्मा जैसी अनेकों वीरांगनाओं ने राष्ट्ररक्षा और राष्ट्रनिर्माण में नारीशक्ति की भूमिका को नई ऊंचाई दी थी। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि मैं चाहती हूं कि हमारी सभी बहनें व बेटियां अधिक से अधिक सशक्त हों तथा वे देश के हर क्षेत्र में अपना योगदान बढ़ाती रहें। जगत कल्याण की भावना के साथ, मैं आप सब के विश्वास पर खरा उतरने के लिए पूरी निष्ठा व लगन से काम करने के लिए सदैव तत्पर रहूंगी।
आज हुए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में
संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह में
निवर्तमान राष्ट्रपति और निर्वाचित राष्ट्रपति संसद पहुंचे। उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संसद सदस्य आदि समारोह में शामिल हुए।
बता दे कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक सलामी दी गई। उनके साथ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी मौजूद रहे। नव निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति हैं।