रमना (गढ़वा)/राहुल कुमार
जिला विधिक सेवा प्राधिकार गढ़वा की ओर से प्रखण्ड कार्यालय के सभाकक्ष में रविवार को विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन कुटुम्ब न्यायालय गढ़वा के मुख्य न्यायधीश राम बच्चन सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शिविर का उद्देश्य ग्रामीणों को कानून की छोटी-छोटी जानकारी देकर उन्हें विधिक रूप से सशक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि महिलाओ को उचित सम्मान देकर ही हम महिला उत्पीड़न की घटना में कमी ला सकते है। जब तक महिलाओ के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार होता रहेगा तब तक महिला उत्पीड़न में कमी नही आयेगी। महिला उत्पीड़न को दूर करने के लिए इन्हें सामाजिक तोर पर सुरक्षा प्रदान करना आवश्यक है।उन्होंने कहा कि महिला उत्पीड़न का महत्वपूर्ण कारण दहेज प्रथा का बढ़ता प्रचलन भी है। दहेज के कारण ही भ्रूण हत्या की घटनाएं भी बढ़ रही है। ऐसे में दहेज प्रथा को समूल्य नष्ट कर ही बेटियो को कोख में मरने से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डायन प्रथा रूढ़िवादी मानसिकता की देन है,इसे खत्म करने के लिए महिलाओ को शिक्षित,जागरूक और मुखर होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रताड़ना की शिकार महिलाओं को जिला विधिक प्राधिकार सेवा और मध्यस्था केंद्र के माध्यम से लगातार निःशुल्क न्याय दिलाया जा रहा है। कार्यक्रम को प्रमुख करुणा सोनी,सीओ सतीश कुमार सिन्हा,बीडीओ ललित प्रसाद सिंह एवं विधायक प्रतिनिधि पंकज कुमार सिंह ने सम्बोधित किया। मौके पर थाना प्रभारी सुधांशु कुमार, 20 सूत्री उपाध्यक्ष मंसूर अंसारी, अधिवक्ता संजय सिंह, बीपीओ रोहित शुक्ला, नाजीर रामानुज शुकता, विक्रांत कुमार, आलोक तिवारी सहित सभी पंचायत प्रतिनिधि व प्रखण्ड सह अंचलकर्मी मौजूद थे। इधर शिविर के दौरान अम्बेडकर आवास के छह और दीदी बाड़ी योजना के पांच लाभुको के बीच स्वीकृति पत्र का वितरण किया गया। साथ ही 10 लाभुको को कंबल और 5 मजदूरों के बीच जॉब कार्ड का वितरण किया गया।
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