कानपुर में हुई हिंसा के बाद विद्रोहियों पर कठोर कार्रवाई हो रही है। रात 2 बजे यतीमखाना की सड़क पर पुलिस कमिश्नर और डीएम ने फ्लैग मार्च किया। घरों में दबिश देकर संदिग्ध विद्रोहियों को हिरासत में लिया गया.। हिंसा में शामिल लोगों की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाया जा सकता है। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर देर रात बुलाई गई हाई लेवल मीटिंग के बाद यह आदेश दिया है। 3 जून को बेकनगंज क्षेत्र के यतीमखाना बाजार में जुमे की नमाज के बाद करीब 1000 लोगों ने 5 घंटे तक उपद्रव किया। पथराव, तोड़फोड़ करते हुए दुकानों में डकैती किया गया। पुलिस को उन्हें रोकने लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। दंगे के दौरान यहां से करीब 50 किमी दूर कानपुर देहात के गांव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उपस्थित थे। साथ में, पीएम नरेंद्र मोदी, गवर्नर आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी थे। बताया जा रहा है कि इस हिंसा की असल कहानी आज से ठीक 9 दिन पहले प्रारम्भ हो गई थी।
पूरा घटनाक्रम सिलसिलेवार समझिए…।
दुकानों को जबरन बंद कराने से भड़की हिंसा
नौ दिन पहले यानी 26 मई को एक न्यूज चैनल पर ज्ञानवापी मुद्दे को लेकर डिबेट हो रही थी। इसमें बीजेपी नेता नूपुर शर्मा भी उपस्थित थीं। डिबेट के प्रश्न पर नूपुर ने पैगंबर साहब पर एक बयान दिया। नूपुर शर्मा के इस बयान पर कई मुसलमान संगठनों ने नाराजगी जताई।
27 मई को मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने बाजार बंद का आह्वान किया। नूपुर के बयान पर कानपुर में पोस्टर लगाए गए। 28 मई को हयात की तरफ से 3 मई को कारागार भरो आंदोलन का आह्वान किया गया।
29 मई को मुसलमान क्षेत्र के हजारों लोगों ने हयात को अपना समर्थन दे दिया। 30 मई को हयात ने मुसलमान समुदाय के लोगों के साथ बैठक की। 1 जून को हयात ने 5 जून तक बंदी और कारागार भरो आंदोलन टाल दिया, लेकिन बाजार में लगे 3 जून के बंदी के पोस्टर नहीं हटाए गए। 2 जून को बेकनगंज क्षेत्र में फिर दुकानों को बंद करने की अपील की गई। मस्जिदों में हुई तकरीरों में बोला गया कि वो लोग पैगंबर साहब पर की गई किसी भी टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
बेकनगंज क्षेत्र में हुई हिंसा की समाचार लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची और विद्रोहियों को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया।
भीड़ में शामिल अराजक तत्वों ने चलाईं गोलियां, फिर बेकाबू हो गया माहौल
3 जून को सुबह से ही बेकनगंज में असहज करने वाला सन्नाटा था। क्षेत्र में ज्यादातर दुकानें मुसलमान समुदाय के लोगों की थी। जो बंद रखी गई थीं, लेकिन यतीमखाना के पास के बाजार में कुछ हिंदू दुकानदारों ने दुकान खोली थीं।
दोपहर 1:45 बजे यतीमखाना के पास की मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की गई। 2.30 बजे के करीब नमाज के बाद लोग बाहर निकले और सीधे बाजार में खुली हुई दुकानों को जबर्दस्ती बंद कराने लगे।
हिंदू दुकानदारों ने दुकाने बंद करने से मना किया, तो लोगों के बीच शामिल कुछ अराजक तत्वों ने सबसे पहले चंद्रेश के हाता में घुसकर पथराव प्रारम्भ कर दिया। जिसके बाद पूरे क्षेत्र का माहौल बिगड़ गया। इसी बीच भीड़ में शामिल कुछ शरारती तत्वों ने तमंचों से फायर किए।
दोपहर 3 बजे तक बाजार से प्रारम्भ हुई घटना अब बवाल की शक्ल ले चुकी थी। देखते ही देखते परेड चौराहा पर करीब एक हजार लोग इकट्ठा हो गए। बवाल प्रारम्भ होने के बाद स्थितियां तेजी से बेकाबू हुई। पुलिस तंग गलियों में घुसकर कार्रवाई नहीं कर पा रही थी।
संकरी गलियों में पुलिस बेबस नजर आई
ज्यादातर पत्थर फेंकने वालों ने अपने चेहरे ढंके हुए थे। CCTV और सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हुए फुटेज के आधार पर इनकी पहचान की जा रही है।।संकरी गलियों में लोग रुक-रुककर पथराव कर रहे थे। पुलिस ने लोगों को नियंत्रित करने के लिए कई राउंड फायर किए। लाठीचार्ज करके लोगों को गलियों में खदेड़ा गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए करीब 12 थानों का फोर्स मौके पर भेजा गया है। करीब 5 घंटे तक चले उपद्रव के बाद स्थितियां काबू में आ गईं। पुलिस ने 18 विद्रोहियों को हिरासत में लिया। इस पथराव में करीब 7 लोग घायल हुए है। जिन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। कानपुर में हुई हिंसा के बाद देर रात मुख्यमंत्री ने गोरखपुर मंदिर से वर्चुअल बैठक की। इसके बाद बेकनगंज थाने में 1040 विद्रोहियों के विरूद्ध 2 एफआईआर दर्ज की गईं। बवाल के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी समेत 40 लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं। जबकि करीब 1000 बवालियों की पहचान की जानी बाकी है।
अब वायरल वीडियो और CCTV फुटेज पुलिस के हथियार
कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि विद्रोहियों के विरूद्ध धार्मिक उन्माद फैलाने, बलवा, जानलेवा हमला करने, हिंसा फैलाने जैसी धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। विद्रोहियों की पहचान के लिए वायरल वीडियो और CCTV फुटेज की सहायता ली जा रही है।
गैंगस्टर की कार्रवाई, संपत्ति पर चलेगा बुलडोजर
कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि कानपुर हिंसा के एक-एक आरोपी को चिह्नित करके उसके विरूद्ध कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के अनुसार कार्रवाई हो रही है। इसके साथ ही उनकी संपत्ति पर बुलडोजर चलेगा। शासन को पूरे मुद्दे की रिपोर्ट भेज दी गई है