विशुनपुरा(गढ़वा)/राजु सिंह
विशुनपुरा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पिपरी कला पंचायत के सुदूरवर्ती गांव पातो के गौराही टोला के लोग पेयजल समस्या से जूझ रहे है।चारों ओर से पहाड़ी के बीच बसे इस टोले में निवास करने वाले आदिम जनजाति कोरवा, परहिया व भुईयां के 20 घरों के करीब 80 लोग पानी के लिए परेशान हैं। पेयजल समस्या को दूर करने के लिए इस टोले पर लगभग 4 माह पूर्व सांसद के पहल पर चापाकल के लिए बोरिंग करवाई गई थी, लेकिन अभी तक बोरिंग में चापाकल नहीं लगाया गया है। जिससे स्थिति जस की तस बनी हुई है। यहां रहने वाले लोग को मिट्टी के जर्जर गड्ढे से निकालकर पानी पीने को मजबूर है।
ग्रामीण दिनेश कोरवा, सुरेश कोरवा, वचनदेव कोरवा, लालती देवी, गोला कोरवा, राजाराम भुइयां, चंद्रदेव भुइयां, केश्वर भुइयां, पान कुंवर, मनिता देवी, पतिया देवी, सुलखनी देवी, राजेंद्र भुइयां, फुलवंती देवी, राम जन्म वियार, लालचंद वियार, संतोष भुइया ने बताया कि इस टोले में शुद्ध पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। सभी सालों भर मिट्टी के गड्ढे से गंदा पानी पीते हैं। इससे लोगों को बीमार होने की संभावना बनी रहती है।
ग्रामीणों ने बताया कि बरसात में किसी तरह गंदे पानी को छानकर उपयोग करते हैं, लेकिन अब गर्मी के दिनों में नाले का पानी सूखने लगता है। तब चुवांड़ी खोदकर अपनी प्यास बुझाते हैं। ग्रामीणों ने बताया जलस्तर इतना नीचे चला गया है कि अभी से ही चुवांडी में दो तीन बाल्टी पानी जमा हो पाता है। जिससे किसी तरह हम सभी बारी-बारी से उपयोग करते हैं। चुवांडी में पानी खत्म होने पर घंटों इंतजार करना पड़ता है। लेकिन अब वह भी सूखने की कगार पर है। ग्रामीणों ने कहा कि पेयजल को लेकर जनप्रतिनिधि व प्रखंड में पदाधिकारियों से कई बार गुहार लगाई गई है, लेकिन किसी ने अभी तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया है।
मालूम हो कि इस टोले पर हो रही पीने की समस्याओं को लेकर 4 माह पूर्व सांसद के पहल पर विशुनपुरा सांसद प्रतिनिधि पुलस्त्य शुक्ल के नेतृत्व में चापाकल के लिए बोरिंग करवाया गया था। अविलंब चापाकल लगवाने का आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन बोरिंग किए हुए 4 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक चापाकल नहीं लगवाया गया है।
वहीं इस सम्बंध में सांसद प्रतिनिधि से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि बोरिंग में चापाकल लगाने के लिए मिस्त्री को सामग्री उपलब्ध करा दी गई है, लेकिन अभी तक नहीं लगा है तो जानकारी लेकर चापाकल लगवा दिया जाएगा।
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