श्री बंशीधर नगर/उपेंद्र कुमार
पूर्व मंत्री सह भाजपा नेता रामचंद्र केशरी ने सगमा बीडीओ सत्यम कुमार पर गंभीर आरोप लगाए है। पूर्व मंत्री ने बीडीओ पर पशु शेड सहित अन्य योजनाओं में बीडीओ पर अवैध राशि लेने का आरोप लगाया है। रविवार को अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व मंत्री ने बीडीओ पर कई आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि सगमा प्रखंड के चैनपुर, घघरी, झुनका, मकरी सहित अन्य गांवों के कई ग्रामीणों से पशु शेड के नाम पर ग्रामीणों से पैसे की उगाही की है। जबकि उक्त ग्रामीणों को उक्त योजना का लाभ भी नही मिला। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने इस संबंध में उन्हें आवेदन दिया था। जिसे लेकर वे उक्त गावो में जाकर मामले की जानकारी लिया। जिसमे चैनपुर गांव के सरस्वती देवी, सबिता देवी, सुशीला देवी, सतीश कुशवाहा, विकेश कुशवाहा से 15-15 हजार रुपये पूर्व मुखिया विनोद राम के माध्यम से बीडीओ को देने की बात आई है। वहीं संतोष ठाकुर ने राममूरत के माध्यम से प्रमुख के खाते में 13000 रुपये, तारा देवी पति रामेश्वर ठाकुर ने दिनेश ठाकुर के माध्यम से प्रमुख अजय साव को 15 हजार रुपये दिया है। दिनेश कुशवाहा पिता विनोद कुशवाहा ने उपेंद्र कुशवाहा के माध्यम से 13 हजार रुपये, मीना देवी पति उदय कुशवाहा ने उपेंद्र कुशवाहा के माध्यम से प्रमुख अजय साव को 13 हजार रुपये दिये है। इसी तरह घघरी ग्राम के एक दर्जन ग्रामीणों ने पूर्व मुखिया विनोद कुमार राम प्रमुख अजय साव के माध्यम से बीडीओ को 10-15 हजार रुपये अवैध रूप से पशु शेड के नाम पर दिया है। मकरी ग्राम के ग्रामीणों ने भी पशु शेड के लिये पूर्व मुखिया पति इसहाक अंसारी के माध्यम से अवैध राशि दिया है। मकरी में 16 योजनाओं का कोडिंग हुआ है, लेकिन लाभुको को कार्य प्रारंभ करने के लिये अभी तक राशि नही दिया गया है। इसके अतिरिक्त चैनपुर ग्राम निवासी भगवान यादव, अर्जुन गुप्ता, अरविंद कुमार गुप्ता, बुधु राम, बेनी यादव ने भी प्रमुख के माध्यम से सगमा बीडीओ को 13-13 हजार रुपये दिये हैं। उन्होंने डीसी से भुक्तभोगी ग्रामीणों को पैसे वापस कराने व योजनाओं का लाभ देने की मांग किया है। मौके पर मथुरा पासवान, सीताराम जायसवाल, अश्विनी कुमार, सलीम अंसारी, सुनील कुमार, रमेश प्रसाद, दिनेश ठाकुर सहित अन्य उपस्थित थे।
*आरोप निराधार, गलत आरोपो से टूटता है: बीडीओ*
पूर्व मंत्री के आरोपों पर बीडीओ सत्यम कुमार ने कहा कि आरोप पूरी तरह निराधार है। आरोप मनगढंत है। ऐसा आरोप लगाकर पदाधिकारी का मनोबल तोड़ने का कार्य किया जा रहा है। मनरेगा का कोई कार्य प्रखंड से नही होता है। सभी कार्य पंचायत से होता है। जब से प्रभार लिए है तब से कोई पशु शेड या अन्य कोई योजना की स्वीकृति प्रखंड कार्यालय से नही की गई है।
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