विशुनपुरा(गढ़वा)/राजुसिंह
प्रखंड क्षेत्र के पतिहारी पंचायत के दर स्थित प्राथमिक विद्यालय में मध्यान भोजन महीनों से बंद है जिससे बच्चों को मध्यान भोजन का लाभ नही मिल पा रहा है। वही स्कूल के शिक्षक ने मध्यान भोजन के ऑडिट के नाम पर अवैध पैसा मांगने का आरोप लगाया है। साथ ही विकास फंड के लिए मिलने वाली राशि मे भी बीआरसी के लेखा सहायक पर कमीशन मांगने का आरोप लगाया है।
विशुनपुरा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पतिहारी पँचायत के दर प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को मिलने वाली मध्यान भोजन महीनों बंद है। जिसके कारण सरकार से मिलने वाली सुविधाओं से बच्चे वंचित रह जा रहे है। वहीं बच्चों को भोजन नही मिलने से शारीरिक विकास नही हो पा रही है।
वहीं विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक हैसियत अंसारी ने बताया कि संयोजिका के कारण मध्यान भोजन बंद है। उन्होंने बताया कि विद्यालय को मिलने वाली विकास फंड का पैसा 12 प्रतिशत कमिसन काट कर बाकी बचे पैसे मिलते है। जिससे विद्यालय का रंग रोगन थोड़ा बहुत हो पाता है। उन्होंने बताया लेखा सहायक प्रेम नीलम समद 12 हजार की नौकरी कर हाई प्रोफेसनल चारपहिया वाहन कार मेनटेन करते है। उन्होंने कहा कि घुस के पैसा से लेखा सहायक हाई प्रोफेसनल जिंदगी जी रहे है और हम सभी शिक्षक 18 हजार बेतन मिलने के बाद भी घुस खोरी के कारण बीआरसी का चक्कर लगाते है।
उन्होंने बताया कि मध्यान भोजन की ऑडिट करने के नाम पर 8000 रु की घुस जिला द्वारा मांग की जाती है।
इन सभी बातों को उन्होंने स्वयं स्वीकार किया है।
वहीं दर प्राथमिक विद्यालय में कुल नामांकित बच्चों की संख्या 103 है,जो बच्चों की पठन पाठन भी सही से नहीं हो पाता है। विद्यालय के शिक्षक से पूछे जाने पर उन्होंने बताया की अकेला क्या करें, बच्चों को पढ़ाये या विभाग का काम करें विभाग का समय से काम नहीं करने के कारण मेरा महीनो से वेतन बन्द है वेतन बन्द होने के कारण घर चलाना मुस्किल हो गया है।
वहीं संयोजिका रूना देवी ने बताया कि शिक्षक हैसियत अंसारी ने मध्यान भोजन की ऑडिट कराने के नाम पर 8000 रु की मांग किये थे।
महीनों से विद्यालय में मध्यान भोजन बंद होने के बाद भी प्रखंड साधन सेवी(सीआरपी) अंजनी कांत तिवारी जांच के लिये नही आते हैं।
इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर जिला शिक्षा अधीक्षक आकाश कुमार ने कहा कि जांच कर कड़ी कार्यवाई की जाएगी।
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