डॉ. भारद्वाज शुक्ल बने दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर

विसुनपुरा(गढ़वा)/राजू सिंह

गढ़वा जिले के विशुनपुरा प्रखंड के ग्राम दर्जिया के शुक्ल वंशज शिक्षक स्वर्गीय नागेश्वर प्रसाद शुक्ल एवं स्वर्गीया कृष्णा देवी के पौत्र डॉ. भारद्वाज शुक्ल का चयन देश के प्रतिष्ठित दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के वाणिज्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है.

इनके पिता श्री मार्कण्डेय शुक्ल कुशल किसान एवं माता श्रीमती इंद्रावती देवी गृहणी हैं.
सभी प्रक्रियाओं की पूर्णता और ऑफर लेटर मिलने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के एसओएल के वाणिज्य विभाग में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर अपना पदभार ग्रहण कर लिया है.

विदित हो कि बचपन से ही डॉ. भारद्वाज मेधावी और जिम्मेवार छात्र रहे हैं. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही राजकीय मध्य विद्यालय कर्णपुरा से हुई है. तत्पश्चात 2004 में उन्होंने राजकीय कृत उच्च विद्यालय रमना से प्रथम श्रेणी में झारखण्ड अधिविद्य परिषद राँची द्वारा हाई स्कूल पास किया था. उसके बाद 2006 में नामधारी कॉलेज गढ़वा से द्वितीय श्रेणी में आई.एस.सी. की परीक्षा जैक बोर्ड द्वारा उत्तीर्ण किया.
2009 में श्री सद्गुरू जगजीत सिंह नामधारी कॉलेज गढ़वा से रांची विश्वविद्यालय रांची द्वारा अकाउंट ऑनर्स से स्नातक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया.
2010 में उन्होंने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर, छत्तीसगढ़ के अपोलो कॉलेज अंजोरा, दुर्ग से बी.एड की डिग्री प्रथम श्रेणी से पूरी की.

उसके बाद 2012 में नीलांबर पीताम्बर विश्वविद्यालय से वाणिज्य विषय में स्नातकोत्तर की योग्यता प्रथम श्रेणी में प्राप्त की. 2014 में उन्होंने इन्दिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी से ग्रामीण विकास विभाग में पीजीडीआरडी की योग्यता हासिल किया.

झारखंड सरकार के निर्देशानुसार झारखंड अधिविद्य परिषद रांची द्वारा आयोजित दोनों शिक्षक पात्रता परीक्षाओं यथा 2013 और 2016 में भी उन्होंने सफ़लता हासिल की थी. लेकिन वाणिज्य विषय को सामाजिक विज्ञान में शामिल नहीं होने से गलत नीती के कारण मध्य विद्यालय में पूर्ण योग्यता के बाद भी मध्य विद्यालय में शिक्षक नहीं बन सके थे.
उन्होंने परिस्थितियों के सामने हिम्मत नहीं हारी और उच्च शिक्षा की दिशा में जाने का निर्णय लिया तथा 2016 में विश्वविद्यालय रांची द्वारा आयोजित पीएचडी प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल की और फरवरी 2017 में रांची विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित पीएचडी कोर्स वर्क की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होकर शोध कार्य प्रारम्भ किया.
नवंबर 2020 में “रोल ऑफ सेलेक्टेड स्वदेशी आर्गेनाइजेशन इन सोशियो इकोनॉमिक डेवलमेंट आफ झारखंड – ए केस स्टडी ऑफ पतंजलि आयुर्वेद एंड विकास भारती” शीर्षक पर अपना शोध कार्य पूर्ण कर रांची विश्वविद्यालय रांची द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है.
वर्तमान तक वे झारखण्ड के प्रतिष्ठित निजी संस्थान सरला बिरला विश्वविद्यालय रांची के फैकेल्टी ऑफ कॉमर्स एंड बिजनस मैनेजमेंट में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत थे.

उनके इस उपलब्धि पर गृह ग्राम दर्जिया सहित पूरे गढ़वा जिले और राज्य भर में उनके शुभ चिंतकों के बीच काफी खुशी और हर्ष का माहौल है. सोशल मीडिया के माध्यम से उनके शुभ चिंतकों द्वारा उन्हें काफी शुभकामनाएं एवम बधाइयां मिल रही हैं.

उन्होंने बताया कि दादा जी स्वर्गीय श्री नागेश्वर प्रसाद शुक्ल जो खुद एक शिक्षक थे. संयुक्त परिवार का संचालन करते हुए ऐसा प्रेरणास्पद माहौल दिया. जिससे जीवन में कुछ कर गुजरने का संकल्प धारण कर सका. जीवन में चाहे कितनी भी बाधाएं आएं परिस्थितियां प्रतिकूल क्यों न हो, मान- अपमान से परे उठकर, आलोचनाओं का सकारात्मक सामना करते हुये धैर्य पूर्वक अपने लक्ष्य के प्रति सच्चे मन से निरन्तर प्रयास किया जाय तो एक न एक दिन सफ़लता अवश्य मिलती है.

उन्होंने अपनी उपलब्धी की समस्त गुरुजनो, माता-पिता, परिवार के सदस्यों, समाज, मित्रों का हर पग पर सकारात्मक सहयोग के कारण बताया है.

इस उपलब्धी पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा, पूर्व कुलपति प्रोफेसर रमेश कुमार पाण्डेय, कुलसचिव डॉ मुकुंद चंद मेहता, प्रो अमर कुमार चौधरी, डॉ संजीव चतुर्वेदी, कामिनी कुमार, प्रो० एसएल एन दास, डॉ जी के श्रीवास्तव, डॉ राजकुमार शर्मा, डॉ ए के चटोराज, प्रो० जी पी त्रिवेदी, डॉ सुदेश साहू, डॉ स्मृति सिंह, डॉ सविता सेंगर, प्रो० अंजनी श्रीवास्तव, सरला बिरला विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डॉ प्रदीप वर्मा, प्रो-चांसलर सीए बिजय कुमार दालान, कुलपति प्रोफेसर गोपाल पाठक, कुलसचिव प्रो विजय कुमार सिंह, डॉ संदीप कुमार, डॉ राधा माधव झा, डॉ पूजा मिश्रा, डॉ अशोक कुमार अस्थाना, प्रो राहुल वत्स, श्री आशुतोष द्विवेदी, बीके बीआईटी पिलानी के पूर्व डायरेक्टर साइंटिस्ट प्रो पी एस भटनागर, प्रो पी के पोद्दार, प्रो ए के मिश्रा, डॉ बिनोद पाठक, डॉ श्याम बिहारी गुप्ता, डॉ एस के सिंह, डॉ० मनोज पाठक, डॉ० बी पी पांडेय, डॉ डी पी पांडेय, अमरकांत झा सहित कयी लोगो ने शुभकामनाएं एवं बधाईयां दी है.

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