धुरकी में शहनशाहे- बतहा कांफ्रेंस का आयोजन, उमड़ी भीड़

धुरकी(गढ़वा)/बेलाल अंसारी
प्रखंड मुख्यालय स्थित मदरसा दारूल उलूम गौसिया नूरिया के परिसर में मदरसे में अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके 15 कारी व 9 हाफिजों के दस्तारबंदी के अवसर पर शहनशाहे- बतहा कांफ्रेंस का आयोजन सोमवार को रात्रि में किया गया।

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दस्तारबंदी हो चुके सभी कारी और हाफिज को हजरत नईम ए -मिल्लत व नसीर-ए -मिल्लत के द्वारा सर्टिफिकेट दिया गया, इस अवसर पर यूपी के कानपुर से शायर नूर अली नूर, पलामू से जमाल अख्तर,फैजान रजा बिहार औरंगाबाद से नौशाद अम्बर, मुफ्ती रौशन रजा मिस्बाही अजहरी, उड़ीसा कटक से सहाबुद्दीन सकाफी,छत्तीसगढ़ से मौलाना अनवर,बिहार गया से मौलाना कासीफूल होदा के द्वारा एक से बढ़कर एक नातिया कलाम पेश किया गया वही शायर नूर अली नूर ने सरकार के जैसा कोई नही. आका के जैसा कोई नहीं नात पेश कर जलसा में जुटी भीड़ को झूमने पर मजबूर कर दिया, वही उक्त आलिमो के द्वारा यह बताया गया की शिक्षा के बिना हम अधूरे है उन्होंने कहा की हमारे नबी ने अपनी उम्मत और दुनिया को यह सिख दी है कि इस्लाम धर्म प्यार मोहब्बत और आपसी भाईचारा का संदेश देने वाला है ,वही उन्होंने कहा की आज दिन-ए-राह पर चलने की सीख देने वाले इस मदरसे से एक साथ 23 लोगों को सर्टिफिकेट दिया गया है वही जेएमएम के युवा नेता ताहिर अंसारी ने कहा की आज के दौर में दिनी तालीम जितना लड़को को जरूरत है उतना ही जरूरी हमारी बेटियों के लिए भी है, वही जमाल अख्तर ने मंच का संचालन करने के दौरान लोगों को दिल जीत लिया और प्यारे शब्द में शायर पढ़ा की , इबादत साथ जायेंगी न तखवा साथ जायेगा, लेहत में सिर्फ आका का वसीला साथ जायेगा,खुदा ये चाहता है उनका शानी हो न शाया हो जिधर जाये नबी बादल का टुकड़ा साथ जायेगा, लोग इस शायर को सुनते ही झूम उठे
वही जलसा में प्रखंड क्षेत्र के अलावा अलग अलग जगहों से काफी संख्या में लोग मौजूद थे

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