राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने किया नामांकन पत्र दाखिल, पीएम मोदी बने प्रस्तावक

अभिनव शुक्ला

देश में अगले राष्ट्रपति चुनने की कवायद शुरू हो गई है।अगले महीने देश को नया राष्ट्रपति मिल जाएंगे। देश के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा हैं। ऐसे में  25 जुलाई के लगभग देश को नया राष्ट्रपति बन जाएंगे। ऐसे में  ओस बार राष्ट्रपति चुनाव में  सता पक्ष और विपक्ष दोनों की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार मैदान में उतारे गए है। एनडीए की और से झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है। वही विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्ह को इस बार मैदान में उतारा है। आपको बता दें कि कि यशवंत सिन्ह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केन्द्रीय मंत्री का भी पद संभाल चुके हैं। विगत कुछ महीनों पूर्व उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पार्टी ज्वाइन किया है।

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द्रौपदी मुर्मू ने किया नामांकन पत्र दाखिल,पीएम मोदी बने प्रस्तावक

एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने संसद भवन में अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। पीएम मोदी ने संसद भवन परिसर स्थित राज्यसभा महासचिव के कार्यालय में निर्वाचन अधिकारी पी.सी. मोदी को द्रौपदी  मुर्मू के नामांकन पत्र सौंपे। एनडीए की  राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के साथ नामांकन दाखिल करने के दौरान एनडीए घटक दलों के साथ बीजेपी  के वरिष्ठ नेता अमित शाह, राजनाथ सिंह, जे.पी. नड्डा, कई राज्यों के मुख्यमंत्री,  योगी आदित्यनाथ, पुष्कर धामी सहित और सहयोगी दलों के नेता मौजूद थे।वही
भाजपा नेताओं के अलावा वाईएसआर कांग्रेस के विजयसाई रेड्डी, ओड़िशा की बीजू जनता दल सरकार के दो मंत्री और उसके नेता सस्मित पात्रा, अन्नाद्रमुक नेता ओ. पनीरसेल्वम और थम्बी दुरई तथा जनता दल (यूनाईटेड) के राजीव रंजन सिंह भी मौजूद थे।

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द्रौपदी मुर्मू ने चार सेट में नामांकन पत्र  दाखिल किया

एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने आज अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। द्रौपदी मुर्मू ने 4 सेट का नामांकन भरा। पहले सेट में पीएम मोदी प्रस्तावक और राजनाथ सिंह अनुमोदक हैं। वही दूसरे सेट में बीजेपी अध्यक्ष  जे पी नड्डा प्रस्तावक हैं। इसमें भी प्रस्तावक के तौर पर 60 नाम हैं और 60 अनुमोदक हैं। इस सेट में योगी, हिमंता बिस्वा सरमा के अलावा बीजेपी शासित सभी एनडीए के मुख्यमंत्री प्रस्तावक हैं। इस सेट में बीजेपी संसदीय बोर्ड के सदस्य, केंद्रीय मंत्री और राज्य मंत्री हैं। इस सेट में अभी तक 60 प्रस्तावक का नाम है और 60 अनुमोदक का। यानी इस तरह हर सेट में 120 नाम हैं।

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द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के नेताओं से मांगा समर्थन

एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने नामांकन दाखिल कर कई राजनीतिक दलों के प्रमुखों से बातचीत की।द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। पूर्व राज्यपाल और एनडीए की राष्ट्रपति प्रत्याशी  द्रौपदी मुर्मू के नामांकन झारखंड के सात सांसद व दो विधायक प्रस्तावक बने हैं। सांसदों में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, अन्नपूर्णा देवी, सुदर्शन भगत, सुनील सिंह, सुनील सोरेन, दीपक प्रकाश व समीर उरांव शामिल हैं। विधायकों बाबूलाल मरांडी और नीलकंठ सिंह मुंडा शामिल हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने फोन कर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बात की और राष्ट्रपति चुनाव में उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने की अपील की। सूत्रों ने से मिली जानकारी के अनुसार द्रौपदी  मुर्मू ने नामांकन दाखिल करने से पहले खुद ही तीनों प्रमुख विपक्षी नेताओं से बात की। सूत्रों के मुताबिक सोनिया, ममता और पवार ने मुर्मू को शुभकामनाएं दीं।

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झामुमो की अहम बैठक कल, समर्थन को लेकर हो सकते है फ़ैसले

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द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार के रूप में  अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान पीएम मोदी समेत कई बड़े नेता मौजूद थे। वही नामांकनपत्र दाखिल करने के बाद द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के प्रमुख  नेताओं को फोन कर समर्थन मांगी है। इसी क्रम में एक आदिवासी के रूप में  द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद मामला दिलचस्प हो गया है। वहीं झारखंड से सांसद रह चुके विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के चलते झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए असमंजस वाली स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पार्टी के सांसदों और विधायकों की कल बैठक बुलाई है। यह बैठक पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन की अध्यक्षता में होगी। इस बैठक में तय किया जाएगा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा  किसको अपना समर्थन देगी।
वहीं विपक्ष की ओर से उम्मीदवार यशवंत सिन्हा 27 जून को नामांकन कर सकते हैं।

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द्रौपदी मुर्मू का जीवन काफ़ी संधर्ष से भरा है

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द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20  जून 1958 को ओड़िशा
के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में
एक संथाल  परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंचि नारायण टुडु था। उनके दादा और उनके पिता दोनों ही उनके गाँव के प्रधान रहे। उन्होंने श्याम चरण मुर्मू से विवाह किया। उनके दो बेटे और एक बेटी हुए। दुर्भाग्यवश दोनों बेटों और उनके पति तीनों की अलग-अलग समय पर अकाल मृत्यु हो गयी। उनकी पुत्री विवाहिता हैं और भुवनेश्वर में रहतीं हैं।

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द्रौपदी मुर्मू ने एक अध्यापिका के रूप में अपना व्यावसायिक जीवन आरम्भ किया। उसके बाद धीरे-धीरे राजनीति में आ गई। एक  खबर के मुताबिक  द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता हैं, जिन्हें राज्यपाल नियुक्त किया गया था। मुर्मू 2013 में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एसटी मोर्चे की सदस्य रहीं। 10 अप्रैल 2015 तक उन्होंने यह पद संभाला था। वह 2013 में ओडिशा के मयूरभंज की जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुईं थी। वह 2010 में भी जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुई।

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आपको बता दें कि राष्ट्रपति पद के लिए मतदान 18 जुलाई को होगा। वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है।एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है। जबकि विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा चुनाव मैदान में हैं।

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