विसुनपुरा(गढ़वा)/राजु सिंह
विसुनपुरा और मझिआव थाना क्षेत्र में अवैध रूप से खुलेआम आरा मशीन का संचालन हो रहा है। जिससे वन विभाग के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है। लोगों में चर्चा है की विभाग के कर्मी की संलिप्तता के बगैर अवैध रूप से खुलेआम आरा मशीन का संचालन नही हो सकता। समय समय पर विभाग द्वारा अवैध रूप से संचालित आरा महीनो पर कार्यवायी भी की जाती है है लेकिन कुछ दिन बाद फिर से उक्त मशीन का संचालन होने लगता है।
आरा मशीन द्वारा वन माफिया मोटी कमाई कर रहे हैं। इस धंधे से जहां सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा हैं वहीं पर्यावरण को भी नुकसान उठाना पड़ रहा हैं।
विशुनपुरा के विष्णु मंदिर के पूर्व दिशा स्थित घर के सामने चारदीवारी के अंदर और मझियाव थाना क्षेत्र के टड़हे गांव में अवैध रूप से आरा मशीन खुलेआम चल रहा है। इन मशीन में आस पास के जंगलों से बहुमूल्य लकड़ियों का कटाई करने वाले लकड़ी माफिया द्वारा भी लकड़ी का चिराई किया जाता है। आस पास के लोगो ने बताया कि अवैध रूप से संचालित आरा मशीन वन विभाग के अधिकारियों के संलिप्तता से किया जा रहा है। दोनो आरा मशीन पर ट्रैक्टर द्वारा कई प्रजाति के लकड़ियां का बोटा की ढुलाई आरा मशीन तक किया जाता है।
ज्ञात हो कि जैसे ही वन अधिकारियों से पक्ष जानने का प्रयास किया जाता है, वैसे ही अधिकारियों के सूचना मिलते ही आरा मशीन संचालक मशीन हटा देने का प्रयास करते है। विभाग के कागजी कारवाई के कुछ माह बाद स्थल बदल कर आरा मशीन का संचालन करना प्रारंभ कर देता है।
क्या कहते है अधिकारी :- विशुनपुरा व मझिआव वन क्षेत्र के रेंजर गोपाल चंद्रा ने कहा कि आरा मशीन का संचालन की जानकारी नहीं है। अगर इस तरह का मामला है, तो आरा मशीन जब्त कर संबंधित संचालक पर कारवाई किया जाएगा।
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