पटना/हिंदुस्तान की आवाज़
पटना नगर निगम के वार्ड संख्या-44 की पार्षद माला सिन्हा के कामो की हर ओर तारीफ हो रही है। पार्षद द्वारा व्यापक पैमाने पर घर-घर जाकर डस्टबिन वितरण किया जा रहा है। माला सिन्हा पटना नगर निगम से इस बार मेयर पद की भी सशक्त प्रत्याशी है। समाजसेवी पति रितेश रमन के साथ मिलकर उन्होंने वार्ड-44 में जिस तरह से काम किया है, वह अनुकरणीय है। पटना नगर निगम के तमाम वार्डो के रैंकिंग में साफ-सफाई और विकास कार्यों में वार्ड-44 एक नंबर पर है।अपने निजी कोष से भी माला सिन्हा ने अपने वार्ड में कई सारे विकास के कार्य किए हैं। जिसमें नालियां, सड़क, पार्क, ग्रीन जोन, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की शामिल है। जनता को कोई दिक्कत ना हो इसके लिए माला सिन्हा एक हेल्पलाइन सेंटर बनाई है। जिसके माध्यम से 24 घंटे के भीतर लोगों की समस्याओं का निराकरण किया जाता है। वार्ड को कचरा मुक्त बनाने के लिए पिछले कई महीनों से अभियान चल रहा है, जिसके अंतर्गत आज घर-घर जाकर डस्टबिन वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। विदित हो कि पटना नगर निगम में इस बार मेयर का पद महिला के लिए आरक्षित है। ऐसे में माला सिन्हा का चुनाव लड़ना भी संभावित है। जातीय समीकरण में भी पटना में माला सिन्हा पूरी तरह फिट बैठती है। कायस्थ बिरादरी से आने वाली माला सिन्हा पटना के सभी वर्गों में लोकप्रिय है। इस लोकप्रियता का कारण उनका अपने वार्ड में पार्षद के रूप में किया गया बेहतर कार्य है। माला सिन्हा के पति सितेश रमन भी समाजसेवी और अपनी पत्नी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते है। प्रत्येक रविवार को इनके वार्ड में इनके तरफ से स्वास्थ्य शिविर का आयोजन होता है इलाके के छोटे-मोटे झगड़े इनके द्वारा निपटाए जाते हैं। ऐसे में नगर निगम चुनाव में मेयर पद के लिए सशक्त उम्मीदवार हो सकती है।
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