भवनाथपुर(गढ़वा)/अजित कुमार साह
भवनाथपुर बाजार के महेंद्र सिंह के भवन मे स्थापित सद्भभावना हॉस्पिटल भवनाथपुर, केतार एवं खरौधी के लिए वरदान साबित हो रहा है। भवनाथपुर के लाल डॉ सुनील ( जनरल सर्जन ) के द्वारा बिगत दो वर्षों से स्थापित यह सद्भावना अस्पताल गंभीर रोग वाले मरीजों के लिए काफी सुविधायुक्त है। डॉ सुनील कुमार( ग्राम चचेरिया केतार ) के डॉक्टर दिनेश्वर जायसवाल के पुत्र है। डॉ सुनील कर्नाटक से एमबीबीएस( एमएस ) की पढ़ाई कर फिलहाल मारवाड़ी हिंदू हॉस्पिटल बनारस में कार्यरत है। डॉ सुनील कुमार बिगत दो वर्षों से प्रत्येक रविवार भवनाथपुर,केतार, खरौंधी,नगर ऊंटरी सहित कोण थाना क्षेत्र उत्तर प्रदेश और गढ़वा जिला के अन्य गांवो से आने वाले मरीजों को अपने सद्भावना अस्पताल में निशुल्क चिकित्सा परामर्श देते हैं। डॉ सुनील कुमार द्वारा ब्रेन एवं हृदय को छोड़कर सभी प्रकार का ऑपरेशन यहां बहुत ही अल्प शुल्क में किया जाता है। यहां दवाओ के खरीदारी में भी मरीजो को 10% का छुट दिया जाता है। लगभग 10से 12 बेड वाले इस अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को यहां से दवा खरीदने की बाध्यता नहीं होती है। वे कहीं से भी अपनी दवा खरीद सकते हैं। सद्भावना अस्पताल के बारे में पूछे जाने पर डॉक्टर सुनील कुमार (जनरल सर्जन )ने बताया कि मेडिकल की पढ़ाई करने के दौरान वें सोचे थे कि अपने गृह क्षेत्र भवनाथपुर में एक स्वच्छ सुविधा वाला चिकित्सा अस्पताल पढ़ाई पूरी होने के बाद खोलेंगे और अपनी जन्म धरती में आम लोगों की सेवा भी करेंगे। फिलहाल डॉक्टर सुनील प्रत्येक सप्ताह शनिवार और रविवार को 2 दिन बनारस से यहां आकर भवनाथपुर में मरीजो को चिकित्सा सेवा देते हैं। जिसमें रविवार को आने वाले सभी मरीजों को बिगत दो वर्षों से निशुल्क चिकित्सा परामर्श दिया जा रहा है। इस अस्पताल में शेष दिन बनारस से आए चिकित्सक 24 घंटे सेवा देते हैं। इस अस्पताल के व्यवस्थापक सह प्रबंधक गुप्तेश्वर प्रसाद एवं कुणाल गुप्ता ने बताया कि यहां सस्ते दर पर सभी प्रकार के जांच एवं सभी जीवन रक्षक दवाएं और चिकित्सा सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहता है।प्रबंधक ने बताया कि आने वाले समय में डॉ सुनील द्वारा यहां पर अत्याधुनिक कंप्यूटराइज्ड एक्सरे मशीन, अल्ट्रासाउंड, खून जांच सहित अन्य कई सुविधा स्थापित की जाएगी। इस अस्पताल के खुल जाने से अब इस क्षेत्र के गरीब गुरुवा मरीजों को सस्ता और सुलभ इलाज मिल रहा है।अब उन्हें कई प्रकार के जटिल रोगों के ऑपरेशन के लिए रांची, बनारस या अन्य बड़े शहरों को नहीं जाना पड़ता है।
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