हरिहरपुर(गढ़वा)। ओपी क्षेत्र के मझिगांवा गांव के महुड़ड टोले व रपुरा गांव के शिव रपुरा टोले पर नदी किनारे पर जहरीले अवैध महुआ शराब भट्ठी का कारोबार धड़ल्ले से फल फूल रहा है। स्थानीय प्रशासन व आबकारी विभाग की बेखबरी होना महुआ शराब कारोबारी को बेखौफ बना रहा है। महुआ शराब बनाने से पहले उपयोग में लाया जाने वाला महुआ का जावा जल्द तैयार करने के लिए भारी मात्रा में जैविक खाद का उपयोग किया जाता है। उससे शराब और जहरीला तैयार होता है। जो शराबियों के लिए घातक है। महुआ शराब की डिमांड बढ़ने से उत्पादन भी बढ़ गया है। महुआ भट्ठी संचालन की खबर मिलने के बाद हमारे प्रतिनिधि ने उस दुर्गम स्थल पहुंच कर जायजा लिया। रास्ता भटकने के बाद एक बुजुर्ग से ग्राहक बन कर जब भट्ठी का पता पूछा तो वह बोला कि फिलवक्त खूब भट्ठी चल रहा है। सुबह से लेकर साम तक खुदरा विक्रेताओं की शराब लेने के लिए लाइन लगी रहती है। जो विभिन्न गांवों में ले जा कर बेचते हैं। उक्त दोनों अवैध महुआ शराब भट्ठी की एक स्थिति है। उसके अलावा सूत्रों ने बताया कि सोन नदी पार कर बिहार भी महुआ शराब की सप्लाई की जाती है। एक अनुमान के मुताबिक दोनो शराब भट्ठियों को मिलाकर प्रतिदिन करीब तीन सौ लीटर महुआ शराब तैयार किया जा रहा है। जो एक सौ बीस रुपये प्रति बोतल जो करीब आठ सौ एमएल का बिक रहा है। शराब कारोबारी ने वहीं आस पास भारी मात्रा में गुप्त रूप से महुआ का जावा भी भारी मात्रा में झुपा कर रखा है। मझिगांवा गांव की भट्ठी से कुछ दूरी पर तीन ड्राम में महुआ का जावा तैयार था। जबकि शिव रपुरा भट्ठी के पास दो तरफ नदी किनारे झाड़ियों में दो ड्राम में महुआ जावा तैयार था। शिव रपुरा टोले पर संचालित शराब भट्ठी की चूल्हे महज दो घंटा पहले बुझाए गए थे। दोनो जगह मिलाकर एक अनुमान के मुताबिक करीब पांच क्विंटल महुआ की खपत प्रतिदिन होती है। उसी अनुरूप गुड़ और जैविक खाद का उपयोग किया जाता है। जैविक खाद डालने से जावा जल्द तैयार होता है। जिससे शराबियों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। समय समय पर डिमांड बढ़ने पर उत्पादन भी बढ़ा दिया जाता है। ग्रामीणों के अनुसार उक्त कारोबार पिछले कई महीने से फलफूल रहा है।
इस धंधे में करीब दो दर्जन लोग शामिल हैं।उक्त कारोबार में भठ्ठी संचालक की कुछ व्यापारियों से भी सांठ-गांठ है जो महुआ, गुड़ व अन्य सामग्री भठ्ठी तक उप्लब्ध कराते है। शिव रपुरा टोले पर संचालित अवैध महुआ शराब भट्ठी में उपयोग की जाने वाली प्रतिदिन भारी मात्रा में लकड़ी सुरक्षित वन क्षेत्र से काटे जाते हैं। शिव रपुरा की शराब भट्ठी पर पहले भी आबकारी ने तोड़ फोड़ कर कारोबारी के खिलाफ करवाई किया था। उसके कुछ दिनों बाद फिर से अवैध महुआ शराब का कारोबार चरम पर है।
नाम नहीं छापने की शर्त पर मझिगांवा गांव की एक महिला ने बताया कि बगल में शराब भट्ठी होने से गांव-घर के लड़कों में शराब पीने की लत बढ़ रही है। गांव का माहौल भी बिगड़ रहा है।
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