रमना(गढ़वा)/ राहुल कुमार
रिटायर होने के 10 साल बाद भी चौकीदारों को सेवानिवृत्ति का पूर्ण लाभ लेने के लिए ऑफिस का चक्कर लगाना पड़ रहा है। एसीपी का लाभ नहीं मिलने से चौकीदार परेशान हैं। सेवानिवृत्त चौकीदार नकु दुसाध ने एसीपी का लाभ लेने के लिए वे अनुमंडल कार्यालय व जिला कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक गए है। लेकिन इनकी किसी ने नहीं सुनी, थक-हार कर अब ये लोग उम्मीद ही छोड़ दिये है।
नकु दुसाध ने बताया कि सेवानिवृति के दस वर्ष हो गए। एसीपी से संबंधित सभी कागजात वंशीधर नगर से जिला समहरणालय गढ़वा के सामान्य शाखा मे पहुंच गया है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई है। संबंधित कार्यालय मे पूछने पर कोई संतोषजनक जबाब नहीं दिया जाता है। 75 वर्ष की आयु मे कार्यालयों का चक्कर लगाते- लगाते अब हिम्मत जबाब दे चूका है। अब भगवान भरोसे हूं। ज़ब प्रभु की इच्छा होंगी तो मिलेगा। उन्होंने बताया कि जो जमा पूंजी था वह लॉक डाउन मे ख़त्म हो गया। सेवानिवृति के बाद मिले पैसे और बैंक से कर्ज लेकर घर बनाया था। अभी तक लोन चुका रहे है। बैंक भी मिनिमम बैलेंस के लिए दस हजार रूपये रख लेती है। बचे-खुचे पैसे से किसी प्रकार घर परिवार चल रहा है । सेवानिवृत चौकीदार खुनु दुसाध व सुरेश राम का भी यही हाल है जीवन की अंतिम पड़ाव पर एसीपी मिलने की उम्मीद में कट रहा है। एसीपी का लाभ मिल जाता तो बचे-खुचे कर्जा-गोवाम भर कर चैन से बचे जीवन गुजर- बसर करते।
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