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नेशनल डेस्क/हिंदुस्तान की आवाज़
आज बिहार विधानसभा में महागठबंधन सरकार को सदन में बहुमत साबित करना हैं। इसके लिए फ्लोर टेस्ट कराया जाएगा। वहीं एक खबर के मुताबिक आज सुबह केन्द्रीय जांच एजेंसी ने बिहार से लेकर झारखंड तक ताबड़तोड़ छापेमारी की है। यह छापेमारी राजद के एमएलसी सुनील सिंह के घर पर छापेमारी की है।
बता दें कि सुनील सिंह के घर सुबह 7.30 बजे से सीबीआई की टीम मौजूद है। बता दें कि सुनील सिंह लालू यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं। आपको बता दें कि यह छापेमारी सीबीआई ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले के कथित मामले को लेकर बड़ी कार्रवाई की हैं। मिली जानकारी के अनुसार इससे पहले राजद के चार बड़े नेताओं के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की है। इसके साथ साथ राजद के सांसद अशफाक के घर पर भी छापेमारी की गई है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि यह कार्रवाई तब हुई हैं, जब आज महागठबंधन सरकार को फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना हैं। इस कार्रवाई को लेकर पक्ष और विपक्ष की ओर से जुबानी जंग तेज हो गई है।
यह सभी एजेंसियां बीजेपी के तहत ही काम करती हैं, बीजेपी दफ्तर से ही तैयार स्क्रिप्ट पर ही काम करते हैं
: मनोज झा
आज सीबीआई ने बिहार में सुबह कथित जमीन-रेलवे नौकरियों के मामले में बिहार में राजद के कई बड़े सांसद के यहाँ छापेमारी की हैं। इस कार्रवाई के बाद बीजेपी और राजद की ओर से जुबानी जंग जारी है।इस कार्रवाई के बाद राजद के सांसद मनोज झा ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह छापेमारी ईडी, सीबीआई की छापेमारी कहना गलत होगा। यह बीजेपी की रेड है, बीजेपी के दफ्तर से ही इनकी स्क्रिप्ट तैयार की जाती हैं, उसके बाद छापेमारी की जाती हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आज महागठबंधन की ओर से बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना हैं, इससे से पहलें इस तरह की कार्रवाई यह तो होना ही था।
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि बीजेपी को इस बात की खुन्नस है कि कैसे नीतीश कुमार ने उनका साथ छोड़कर जनता के हित में गठबंधन में बदल लिया। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन जनता के हित के लिए किया गया है। उन्होंने कहा, हमारे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कल ही बैठक में कहा था कि भाजपा अब इस स्तर पर पहुंचेंगी। 24 घंटे भी नहीं लगे औ वे इतना नीचे गिर गए।
दरअसल, ये मामला साल 2004-2009 के रेलवे भर्ती घोटाले से जुड़ा है। आपको बता दें कि यह आरोप है कि लालू यादव जब रेल मंत्री थे तब उस समय नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था। पैसा लेना बड़ी रिस्क थी, इसलिए रेलवे में नौकरी के बदले जमीन ली जाती थी। वहीं इस तरह के अवैध काम को अंजाम देने के लिए लालू के उस समय के OSD भोला यादव को ही जिम्मेदारी दी गई थी। इससे पहले सीबीआई ने मई में इस मामले में लालू यादव से जुड़ीं 17 जगहों पर छापेमारी की थी।
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