भवनाथपुर(गढ़वा)/जुल्फिकार
सीबीआआई की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के रांची इंस्पेक्टर मुकुंद कुमार कर्ण व पिसी ललन कुमार सहित ने रमना उप डाकघर में दो करोड़ दस लाख 41 हजार 382 रुपए गबन के मामले मे मंगलवार को गढ़वा जिला के दो स्थानों पर एक साथ छापामारी किया।छापेमारी वरिय अधिकारियों के नेतृत्व मे भवनाथपुर के अरसली निवासी अश्विनि कुमार ठाकुर और रमना के संजय कुमार के आवास पर किया गया।छापेमारी दल मे शामिल अधिकारियों ने फिलहाल कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं।छापेमारी के दौरान दोनों के घरों मे कई दस्तावेज को अधिकारियों ने खंगाला।
सीबीआई ने 29 अगस्त को कांड संख्या 05( s)22-Rदर्ज किया है प्राथमिकी
सीबीआइ की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने रमना उप डाकघर मे दो करोड़ 10 लाख 41 हजार 382 रुपये के गबन के मामले में 29 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज कर ली है।सीबीआइ ने यह प्राथमिकी गढ़वा के रमना थाने में 26 जून 2019 को दर्ज प्राथमिकी को टेकओवर करते हुए उक्त प्राथमिकी दर्ज की है। गबन के आरोप में सीबीआइ ने रमना उप डाकघर के निलंबित तत्कालीन उप डाकपाल कामेश्वर राम(छतरपुर,पलामू के सिलदाग निवासी)मंजीत कुमार (पलामू के पोखराहा)अश्विनि कुमार ठाकुर(गढ़वा,भवनाथपुर के अरसली निवासी) व रमना के संजय कुमार को भी नामजद आरोपित किया है।
सहायक डाक अधीक्षक ने की थी शिकायत
मई 2017 से ही रमना उप डाकघर मे चल रहे गबन के खेल का खुलासा तब हुआ जब खाताधारको के भूगतान के लिए प्रधान कार्यालय मेदिनीनगर से लगातार राशि की मांग बढ़ गई।संदेह होने पर प्रधान कार्यालय ने डाकपाल कामेश्वर राम को निलंबित करते हुए तत्कालीन सहायक डाक अधीक्षक शंकर कुजूर को जांच का जिम्मा सौपा।जांच के बाद शंकर कुजूर ने 26 जून 2019 को रमना थाना मे तत्कालीन उप डाकपाल कामेश्वर राम पर विभिन्न आवर्ती खातों में फर्जी तरीके से अलग-अलग तारीखों में अवैध निकासी किए जाने के आरोप मे प्राथमिकी दर्ज कराया था।प्राथमिकी मे कामेश्वर राम के साथ अश्विनि कुमार ठाकुर, मंजित कुमार व संजय कुमार के उपर भी मामला दर्ज कराया था।
कैसे हुआ था गबन
सहायक डाक अधीक्षक शंकर कुजूर ने जांच में पाया था कि कामेश्वर राम ने आवर्ती खातों का पहली बार भुगतान खाता धारक को किया, लेकिन फिर इन्हीं खातों का दोबारा, तिबारा भुगतान फर्जी तरीके से करके सरकारी राशि का गबन किया ।
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