भवनाथपुर। सेल प्रबंधन ने मंगलवार को मैगजीन में पड़े अनुपयोगी भारी मात्रा में बारूद को नष्ट किया इस प्रक्रिया के दौरान सेल के महाप्रबंधक मनोज कुमार के अलावा अन्य अधिकारी के साथ माइनिंग के भी अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।
सेल प्रबंधन के द्वारा घाघरा चूना पत्थर खदान व तुलसीदामर डोलोमाइट खदान में ब्लास्टिंग करने के लिए प्लांट से उत्तर पूरब की दिशा में मैगजीन का निर्माण किया था। जिसमें भारी मात्रा में बारूद रखा जा रहा था जिसकी सुरक्षा के लिए 24 घंटे सीआईएसएफ के जवान तैनात थे। 2014 में घागरा चूना पत्थर खदान पूर्ण रुप से बंद हो गया। इसके अलावा 16 फरवरी 2020 से तुलसीदामर डोलोमाईट खदान भी बंद हो गया। दोनों खदानें बंद होने के बाद बारूद की उपयोगिता समाप्त हो गयी। सेल प्रबंधन के मैगजीन में रखे रखे भारी मात्रा में बारूद अनुपयोगी हो गया, जिसे सेल प्रबंधन ने उसे नष्ट करने का निर्णय लिया। इसी निर्णय के आलोक में मंगलवार को घागरा चूना पत्थर खदान में अधिकारियों की उपस्थिति में बारूद नष्ट किया गया।
सूत्रों की माने तो मैगजीन से बारूद समाप्त हो जाने के बाद सुरक्षा में लगे जवान का भी काम समाप्त हो गया। क्रशिंग प्लांट बंद होने के बाद सीआईएसएफ लगातार जमे हुए हैं जिन पर करीब-करीब 40 लाख प्रतिमाह खर्च होता है। अब चर्चा इस बात की है की बारूद खाना समाप्त हो गया तो सीआईएसएफ के जवान की काम भी नहीं होगा और प्रबंधन को प्रतिमाह 40 लाख बचत होगी।
भवनाथपुर में सेल प्रबंधन ने अनुपयोगी बारूद को किया नष्ट
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